श्रिया सिसकते हुए बोली "माँ ईश ने मेरी उंगली तोड़ दी"। श्रिया सिसकते हुए बोली "माँ ईश ने मेरी उंगली तोड़ दी"।
उसके दैहिक घाव तो मिट गए हैं पर आत्मिक घाव आज भी रिस रहें हैं। उसके दैहिक घाव तो मिट गए हैं पर आत्मिक घाव आज भी रिस रहें हैं।
मन में सोचता रहा कि ऐसी बातें मेट्रो सिटीज में होतीं हैं, जिन्हें रौशनी का शहर कहा जात मन में सोचता रहा कि ऐसी बातें मेट्रो सिटीज में होतीं हैं, जिन्हें रौशनी का शहर क...
सादगी पूर्ण जीवन, योग सरल आचरण, कम बोलना। सादगी पूर्ण जीवन, योग सरल आचरण, कम बोलना।
कुसुम की कहानी कुसुम की कहानी
लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति त्यानितोल्काय और बार्बरा लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति त्यानितोल्काय और बा...